3 घंटे पहले
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जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) ने स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के प्रोफेसर स्वर्ण सिंह को टर्मिनेट कर दिया है। जापान एम्बेसी की एक ऑफिसर ने प्रो सिंह के खिलाफ सेक्सुअल हैरेसमेंट की शिकायत दर्ज की थी उसके बाद ये फैसला लिया गया है।
इसे बुधवार 17 अप्रैल को JNU की काउंसिल मीटिंग में रखा गया था और ये फैसला यूनिवर्सिटी की इंटर्नल कंप्लेनट्स कमेटी (ICC) की इंवेस्टिगेशन के बाद लिया गया है।
सेक्सुअल हैरेसमेंट के सुबूत मिले
JNU के एक अधिकारी के मुताबिक, प्रोफेसर एम्बेसी ऑफिसर के साथ लगातार कॉन्टेक्ट में थे। ऑफिसर ने शिकायत की है कि प्रोफेसर उसको हैरेस करते थे। उसने इंटर्नल कंप्लेनट्स कमेटी में इसकी शिकायत दर्ज कराई और सबूत के तौर पर उनकी बातचीत की रिकॉर्डिंग भी दी।
ऑडियो टेप के अलावा बाकी सुबूत भी मिले हैं। स्वर्ण JNU के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज, सेंटर फॉर इंटरनेशनल पॉलिटिक्स ऑर्गनाइजेशन एंड डिसआर्मामेंट में प्रोफेसर थे।
DU से पॉलिटिकल साइंस में मास्टर्स हैं
प्रो स्वर्ण ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस में मास्टर्स किया और JNU से फॉरेन स्टडी में पीएचडी की। इसके अलावा स्वीडन के उप्साला यूनिवर्सिटी से कॉन्फ्लिक्ट रिजोल्यूशन में पोस्ट-डॉक्टरल डिप्लोमा भी हासिल किया। आर्म्ड कंट्रोल, पीस स्टडी और भारत की न्यूक्लियर पॉलिसी फील्ड में रिसर्च का काम किया।

ओमिक्स ऑनलाइन के मुताबिक प्रो. सिंह ने दुनिया भर के कई संस्थानों में विजिटिंग प्रोफेसर के पद पर कार्य किया है।

पब्लिकेशन और मीडिया से भी जुड़े
प्रो. सिंह के पास पब्लिकेशन रिकॉर्ड, बुक चैप्टर और कॉन्फ्रेंस समेत कई पब्लिकेशन रिकॉर्ड हैं। उनकी रिसर्च अक्सर चीन की विदेश और सुरक्षा नीतियों से जुड़ी रही हैं। वह भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया के भी सहयोगी रहे हैं।
- इंडो-पैसिफिक में भारत और आसियान: रास्ते और खतरे में को एडिटर रहे। सिंगापुर स्प्रिंगर नेचर 2024 में पब्लिश हुई।
- पॉलिटिक्स ऑफ क्लाइमेट चेंज:कन्वर्सेशन एंड को-ऑपरेशन के को-एडिटर रहे।
- स्टडीज ऑफ चाइना एंड चाइनीज कल्चर रिवोल्यूशन के को-एडिटर रहे।
- रिविजिटिंग गांधी : लीगेसी फॉर वर्ल्ड पीस एंड नेशनल इन्टीग्रेशन को वर्ल्ड साइंटिफिक के साथ मिलकर 2021 में एडिट किया।
इससे जुड़ी कई किताबों को उन्होंने रिव्यू और को-एडिट भी किया।
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