High Court stays the result of NEET UG | NEET-UG के रिजल्ट पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई: तेज हवा, बारिश के कारण बिजली गुल हुई थी; अंधेरे में पेपर तक नहीं पढ़ पाए थे स्टूडेंट्स – Indore News


हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने 30 जून तक एनटीए से मामले में जवाब मांगा है।

NEET UG के रिजल्ट पर एमपी हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने रोक लगा दी है। दरअसल, एग्जाम के दौरान तेज हवा और बारिश के कारण कई क्षेत्रों की बिजली गुल हो गई थी। इससे कई स्टूडेंट्स पेपर तक नहीं पढ़ पाए थे, जिससे उनका पेपर बिगड़ गया।

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मामले में हाईकोर्ट में संतोषजनक जवाब नहीं देने पर कोर्ट ने यूजी के अंतरिम परिणाम पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि अंतिम निर्णय होने तक रिजल्ट जारी न किया जाए।

4 मई को इंदौर में नीट की परीक्षा के दौरान छात्रों को हुई परेशानी के बाद मामला हाईकोर्ट पहुंचा था। गुरुवार को याचिका पर हाईकोर्ट ने नीट यूजी आयोजित करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) से पूछा था कि वह इस मामले में क्या कदम उठा रही है। हाईकोर्ट ने एनटीए, बिजली कंपनी और परीक्षा केंद्र को नोटिस जारी किए हैं। 30 जून तक सभी को जवाब पेश करना होगा।

तेज बारिश और आंधी में चली गई थी बिजली शहर में 24 केंद्रों पर नीट यूजी आयोजित की गई थी। परीक्षा के दिन हुई 2.7 इंच बारिश और 120 किमी रफ्तार से चली तूफानी हवा की वजह से शहर की बिजली सप्लाई व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी। घने बादल, बारिश की वजह से दिन में अंधेरे जैसी स्थिति थी।

लाइट नहीं होने से परीक्षा केंद्रों में भी अंधेरा छा गया था। हजारों छात्र प्रश्न पत्र तक नहीं पढ़ पा रहे थे। जवाब भी नहीं दे पाए थे। कई छात्र रोते हुए बाहर निकले थे। हाईकोर्ट में फिर से परीक्षा लिए जाने को लेकर याचिका दायर की थी।

कुछ केंद्रों पर हो चुकी दो बार परीक्षा एक्सपर्ट का कहना है कि ओडिशा में चक्रवात के दौरान 2016 में एनटीए ने प्रभावित बच्चों के लिए दोबारा एग्जाम कराया था। नियमों की गफलत से 2022 में होशंगाबाद सहित कुछ अन्य केंद्रों पर भी ऐसा हो चुका है।

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दूसरी परेशानी यह भी है कि नीट के अलावा मेडिकल, नर्सिंग, वेटरनरी, होम्योपैथी, आयुर्वेदिक कॉलेजों में एडमिशन का विकल्प नहीं है। छात्रों का पूरा साल बर्बाद हो जाएगा।

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एग्जाम सेंटर में पावर बैकअप नहीं था उधर, प्रभावित छात्रों का कहना है कि शहर के 11-12 सेंटर पर पांच हजार से ज्यादा परीक्षार्थी बिजली गुल होने से प्रभावित हुए थे। यह पहला मौका था जब एनटीए ने सरकारी स्कूल में केंद्र बनाए थे। यहां पावर बैकअप की कोई व्यवस्था ही नहीं थी।



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