3 घंटे पहले
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मंगलवार को मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने मिजोरम को देश का पहला पूर्ण साक्षर राज्य घोषित किया। मिजोरम यूनिवर्सिटी में हुए एक कार्यक्रम में उन्होंने ये घोषणा की। यूनियन मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर एजुकेशन जयंत चौधरी भी मौके पर मौजूद रहे।

ULLAS स्कीम के तहत पूरा किया माइलस्टोन
अंडरस्टैंडिंग ऑफ लाइफलॉन्ग लर्निंग फॉर ऑल इन सोसायटी यानी (ULLAS) स्कीम के तहत राज्य में लिटरेसी रेट 98.2% पहुंच गया है। मिजोरम ने मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन के 95% बेंचमार्क को भी पार कर दिया है। बता दें कि किसी राज्य को फुल लिटरेट घोषित करने के लिए उसे मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन के तय बेंचमार्क को ही पार करना होता है।
न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम के तहत, राज्य में 3,026 असाक्षर लोगों की पहचान की गई थी। इसमें से 1,692 पढ़ाई करने के लिए तैयार थे। 292 वॉलेंटियर टीचर्स, स्टूडेंट्स और रिसोर्स पर्सन की टीम ने इन्हें पढ़ाई से जोड़ा।

अगला लक्ष्य डिजिटल लिटरेसी
मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने कहा कि ये अचीवमेंट अंत नहीं बल्कि नई शुरुआत है। अब राज्य में लिटरेसी को बेसिक रीडिंग एंड राइटिंग से आगे ले जाकर डिजिटल, फाइनेंशियल और होलिस्टिक एजुकेशन तक ले जाना है।
भारत का 23वां राज्य बना था मिजोरम
20 फरवरी 1987 को मिजोरम देश का 23वां राज्य बना था। 2011 की जनगणना में ये 91.33% लिटरेसी रेट के साथ देश का तीसरा सबसे साक्षर राज्य था। अब 98.2% लिटरेसी के साथ ये नंबर 1 पर है। स्टेट एजुकेशन डिपार्टमेंट के इवैल्यूएशन के बाद इसे फुल लिटरेट स्टेट घोषित किया गया।
लिखने, पढ़ने, जोड़-घटाने से तय होती है लिटरेसी
मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन के अनुसार, किसी व्यक्ति को तब साक्षर माना जाता है, जब वह कम से कम 1 भाषा लिख और पढ़ सकता हो। साथ ही गणित की साधारण गणनाएं कर सकता हो।
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