now madras hc has stayed the neet result after MP Highcourt | अब मद्रास हाईकोर्ट ने NEET का रिजल्ट रोका: चेन्नई के सेंटर पर भी इंदौर की तरह बिजली जाने का मामला, 2 जून तक मांगा NTA से जवाब


39 मिनट पहले

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इंदौर के बाद बिजली गुल होने से NEET UG 2025 एग्जाम देने में समस्या का मामला चेन्नई में भी सामने आया है। 13 कैंडिडेट्स ने मद्रास हाईकोर्ट में इसे लेकर याचिका दायर की है

स्टूडेंट्स ने कहा कि 4 मई को चेन्नई के अवाडी एग्जाम सेंटर पर बिजली चली गई थी जिसके बाद कई स्टूडेंट्स ठीक से पेपर नहीं दे पाए। इसके बाद शुक्रवार को मद्रास हाईकोर्ट ने NEET 2025 के रिजल्ट पर रोक लगा दी है।

NTA यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को रिजल्ट जारी करने से रोकने का ये अंतरिम ऑर्डर जस्टिस वी लक्ष्मीनारायण ने दिया है। उन्होंने NTA को नोटिस जारी कर 2 जून तक अपना जवाब सब्मिट करने को कहा है।

चेन्नई के अवाडी एग्जाम सेंटर का मामला

कैंडिडेट्स ने बताया कि चेन्नई के अवाडी एग्जामिनेशन सेंटर पर 464 स्टूडेंट्स ने 4 मई को दोपहर 2 बजे से शाम के 5 बजे के बीच एग्जाम दिया था। इसी समय भारी बारिश शुरू हो गई और 3 बजे से 4.15 तक बिजली गुल रही।

इस दौरान एग्जाम सेंटर पर पावर बैकअप का कोई इंतजाम नहीं था और बेहद कम लाइट में स्टूडेंट्स को एग्जाम देना पड़ा। इस बीच बारिश का पानी भी क्लासरूम में घुस गया और एग्जाम के बीच में ही कैंडिडेट्स को दूसरी जगह शिफ्ट कराया गया। इससे भी काफी डिस्टरबेंस हुआ है।

इसके बाद कैंडिडेट्स ने एक्स्ट्रा टाइम की मांग की थी ताकि वो पेपर पूरा कर सकें लेकिन उन्हें मना कर दिया गया।

‘आर्टिकल 14 का उल्लंघन हुआ’

याचिकाकर्ताओं ने कहा कि बाकी सेंटरों के मुताबिक उन्हें असमान कंडीशंस का सामना करना पड़ा जिससे संविधान के आर्टिकल 14 का उल्लंघन होता है। इसी के साथ कैंडिडेट्स की रीएग्जाम की रिक्वेस्ट को भी लगातार इग्नोर किया गया है। ये आर्टिकल 21 का भी उल्लंघन भी होता है। याचिकाकर्ताओं ने कहा, ‘NEET जैसे नेशनल लेवल के एग्जाम में सभी कैंडिडेट्स को बराबर मौका मिलना चाहिए।’

11 सेंटरों को छोड़ रिजल्ट जारी करने को माना MP HC

वहीं, बिजली जाने से इंदौर के सेंटरों पर भी कैंडिडेट्स को इसी तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। 15 मई को MP हाईकोर्ट ने NEET UG 2025 के रिजल्ट पर रोक लगा दी थी लेकिन शुक्रवार को NTA की रिक्वेस्ट पर 11 सेंटरों को छोड़ बाकी जगहों का रिजल्ट जारी करने की अनुमति दे दी थी।

पहली बार सरकारी स्कूलों को सेंटर बनाया

NTA के लिए यह पहला मौका था जब सरकारी स्कूलों को NEET UG का एग्जाम सेंटर बनाया गया था जहां पावर बैकअप का कोई इंतजाम नहीं था। दरअसल, पिछले साल यानी 2024 में NEET UG एग्जाम को लेकर हुए विवाद के बाद इस साल सरकारी स्कूलों को सेंटर बनाया गया था। इससे पहले प्राइवेट स्कूलों और कंप्यूटर लैब्स को एग्जाम सेंटर बनाया जाता था।

याचिकाकर्ताओं की रीएग्जाम की मांग

करीब 17 कैंडिडेट्स को MP हाइकोर्ट में रिप्रेजेंट कर रहे एडवोकेट मृदुल भटनागर ने कहा कि एग्जाम सेंटर पर बारिश और बादलों के कारण अंधेरा था। इस बीच एक से डेढ़ घंटे बिजली चली गई और बैकअप का कोई इंतजाम नहीं था। ऐसे में एग्जाम देने वाले बच्चे प्रेशर में आ गए।

ऐसे में कोर्ट के पास दो ऑप्शन्स हैं….

  • रीएग्जाम
  • नॉर्मलाइजेशन

रीएग्जाम के लिए कोर्ट को कैंडिडेट्स को ऑप्शन देना चाहिए। जिन कैंडिडेट्स को लगता है कि लाइट जाने की वजह से उनका पेपर खराब हुआ है वो दोबारा एग्जाम दे सकते हैं। वहीं जिन कैंडिडेट्स को लगता है कि उनका पेपर ठीक हुआ है वो चाहे तो पहले पेपर के स्कोर के साथ ही आगे बढ़ सकते हैं।

दूसरा ऑप्शन नॉर्मलाइजेशन का है। मसलन किसी सेंटर पर अगर 15 मिनट के लिए लाइट गई तो वहां उस हिसाब से ग्रेस मार्क्स मिलने चाहिए और जहां 1 घंटे के लिए लाइट गई वहां उसके हिसाब से ग्रेस मार्क्स मिलने चाहिए।

‘NTA कैंडिडेट्स से बिजली जाने का सुबूत मांग सकता है’

याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि NTA इस पूरे मामले को गंभीरता से नहीं ले रहा। जब तक रिजल्ट नहीं आ जाता तब तक सभी कैंडिडेट्स बराबर हैं। लेकिन NTA ऐसा नहीं कर रहा।

मृदुल भटनागर ने कहा, ‘NTA यहां याचिकाकर्ताओं से बिजली जाने का सुबूत मांग सकता है। अगर सेंटर्स ने साथ नहीं दिया तो ये याचिकाकर्ताओं के लिए मुश्किल होगा। इसके लिए याचिकाकर्ताओं को बिजली विभाग से RTI के जरिए जानकारी निकालनी होगी जिसमें 1 से डेढ महीने तक का वक्त लग सकता है।’

रीएग्जाम बेहतर उपाय है

अनएकेडमी के डायरेक्टर और NEET मामलों के एक्सपर्ट हरप्रीत सिंह कहते हैं कि इस तरह की सिचुएशन में NTA सबसे पहले जांच करेगा कि वाकई में बिजली जाने की समस्या इतनी बड़ी थी कि इसकी वजह से कैंडिडेट्स सवाल नहीं पढ़ पाए। इसके लिए वो बिजली विभाग का डाटा, सेंटर्स पर लगे CCTV की फुटेज और स्टाफ से पूछताछ कर सकते हैं।

अगर जांच में पाया गया कि याचिकाकर्ताओं के आरोप सही हैं, तो ऐसे में रीएग्जाम कराना बेहतर उपाय है। इससे सभी बच्चों को एक फेयर मौका मिल सकेगा।

NTA आसानी से रीएग्जाम कराकर 14 जून तक रिजल्ट जारी कर सकता है, क्योंकि…

  • NTA के पास क्वेश्चन पेपर के 4-5 बैकअप सेट होते हैं।
  • OMR शीट से इवैल्यूएशन कर रिजल्ट 24 घंटे में जारी हो सकता है।
  • गड़बड़ एक ही शहर में हुई है तो आंसर शीट कलेक्शन में वक्त नहीं लगेगा।

ओडिशा में 2019 में जब चक्रवात आया तो वहां के स्टूडेंट्स का अलग से एग्जाम कराया गया था। इसके बाद अगले ही दिन उनका रिजल्ट भी जारी हो गया था। NTA को ध्यान बस इतना रखना होगा कि रीएग्जाम के लिए क्वेश्चन पेपर का लेवल 4 मई को हुए एग्जाम के बराबर हो ताकि नॉर्मलाइजेशन न करना पड़े।

‘नॉर्मलाइजेशन से हाथ पहले ही जला चुका है NTA’

हरप्रीत सिंह का कहना है कि बहुत कम चांसेज हैं कि NTA नॉर्मलाइजेशन कर इन बच्चों को ग्रेस मार्क्स दे। ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले सालों में नॉर्मलाइजेशन को लेकर NTA पर कई सावल खड़े हुए हैं। इसके साथ ही NTA सुप्रीम कोर्ट में नॉर्मलाइजेशन का प्रोसेस समझाने में नाकाम रहा है। ऐसे में नॉर्मलाइजेशन न सिर्फ मुश्किल लग रहा है बल्कि इससे बड़ा विवाद खड़ा हो सकता है जो NTA नहीं चाहेगा। बेहतर यही होगा कि नॉर्मलाइजेशन न किया जाए।

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