Those with dummy admission will not be able to appear in board exams | डमी एडमिशन वाले बोर्ड एग्जाम नहीं दे सकेंगे: CBSE ने दी चेतावनी, NEET-JEE की कोचिंग के लिए स्कूल जाना छोड़ देते हैं स्टूडेंट्स


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44 मिनट पहले

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CBSE ने डमी स्कूल में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स के लिए चेतावनी जारी की है। बोर्ड ने कहा कि जो स्टूडेंट्स रेगुलर क्लासेज अटेंड नहीं करेंगे वो 12वीं के एग्जाम में नहीं बैठ सकेंगे। इसकी पूरी जिम्मेदारी स्टूडेंट्स और उनके पेरेंट्स की होगी।

इसके अलावा जल्द ही बोर्ड डमी एडमिशन देने वाले स्कूलों के खिलाफ भी कार्रवाई कर सकता है। इसके लिए एग्जाम्स के नियमों में बदलाव करने को लेकर भी विचार किया जा रहा है। डमी एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग यानी NIOS से एग्जाम देना होगा।

क्या होते हैं डमी स्कूल/एडमिशन?

बढ़ते कॉम्पिटीशन के चलते आजकल पेरेंट्स इस जद्दोजहद में रहते हैं कि जितनी जल्दी हो सके उनके बच्चे कोचिंग में एडमिशन ले और JEE-NEET जैसा बड़ा एग्जाम क्लियर करें। कोचिंग सेंटर्स भी इसके लिए रेडी रहते हैं।

ऐसे में बच्चे 8वीं-9वीं से ही कोचिंग जॉइन कर लेते हैं जहां 6-7 घंटे की क्लासेज वो हर दिन अटेंड करते हैं। लेकिन स्कूल के लिए टाइम नहीं बचता। ऐसे में कोचिंग सेंटर्स ही उन्हें स्कूलों में डमी एडमिशन दिला देते हैं। कोचिंग में पढ़ने वाले 50% से ज्यादा स्टूडेंट्स का स्कूलों में डमी एडमिशन ही होता है। डमी एडमिशन वाले बच्चे पूरे साल स्कूल नहीं जाते हैं। सिर्फ एग्जाम देने ही जाते हैं।

डमी एडमिशन देने वाले स्कूल कई बार फीस में भी स्टूडेंट्स को भारी छूट देते हैं। इसके अलावा कई स्कूल फिजिकली एग्जिस्ट ही नहीं करते। डमी एडमिशन देने वाले कई स्कूल सिर्फ ऑन पेपर ही होते हैं।

बोर्ड्स देने पर भी लग सकती है रोक

इसे लेकर बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा कि अगर औचक निरीक्षण के दौरान कोई स्टूडेंट्स रेगुलर क्लासेज में प्रेजेंट नहीं मिला तो उसे बोर्ड एग्जाम देने की परमिशन नहीं दी जाएगी। इसी के साथ जो स्कूल डमी एडमिशन को बढ़ावा दे रहे हैं या एबसेंट स्टूडेंट्स को एग्जाम देने की परमिशन दे रहे हैं, बोर्ड से उनका एफिलिएशन खत्म किया जाएगा। ये फैसला इसी एकेडमिक ईयर यानी 2025-26 से लागू होगा।

बोर्ड के लिए 75% अटेंडेंट जरूरी होगी

परीक्षा समिति ने कहा है कि बोर्ड एग्जाम्स में शामिल होने के लिए मिनिमम 75% अटेंडेंट अनिवार्य होगी। अगर कोई स्टूडेंट अटेंडेंस का ये क्राइटीरिया पूरा नहीं करता है तो वो एग्जाम नहीं दे सकेगा। सिर्फ स्कूल में एडमिशन लेने से किसी स्टूडेंट को बोर्ड एग्जाम में शामिल होने का हक नहीं मिल सकेगा।

हेल्थ इश्यूज, नेशनल या इंटरनेशनल खेलों में भाग लेने या दूसरे किसी सीरियस कारण से ही स्टूडेंट्स को अटेंडेंट में 25% तक की छूट मिल सकेगी।

इस फैसले से कितने स्टूडेंट्स पर असर पड़ेगा?

बोर्ड एग्जाम्स के साथ NEET-JEE की तैयारी करने वाले सभी स्टूडेंट्स पर इस फैसले का सीधा असर पड़ेगा। साल 2025 में JEE के लिए करीब 13.11 लाख स्टूडेंट्स ने रजिस्ट्रेशन कराया है।

वहीं साल 2024 में करीब 23 लाख स्टूडेंट्स ने NEET का एग्जाम दिया था। इनमें से ज्यादातर स्टूडेंट्स कोचिंग जाते हैं। कोचिंग जाने वाले करीब 50% स्टूडेंट्स स्कूल नहीं जाते और डमी एडमिशन लेते हैं। ऐसा करने वाले सभी स्टूडेंट्स आने वाले एकेडमिक ईयर में एग्जाम नहीं दे पाएंगे।

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