Tips from JEE Main Session 2 topper HamzaStudied for 6 to 8 hours, made a time table and focused on weak subjects, got 99.90% | JEE मेन सेशन -2 टॉपर हमजा के टिप्स: 6 से 8 घंटे पढ़ाई, टाइम टेबल बनाकर वीक सब्जेक्ट पर फोकस किया, मिले 99.90%


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4 मिनट पहलेलेखक: शाहीन अंसारी

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मेरा नाम मोहम्मद हमजा है। मुझे जेईई मेन्स 2025 सेशन 1 में 99.8% स्कोर मिले थे। जेईई मेन 2025 सेशन – 1 का रिजल्ट जारी होने के बाद मुझे ये तो समझ में आ गया था कि मेरा बैकअप प्लान सही डायरेक्शन में है।

उसके बाद मैंने एक बार फिर जेईई एडवांस्ड और जेईई मेन सेशन – 2 की पढ़ाई शुरू की। इस दौरान अगर तीन मॉक टेस्ट जेईई एडवांस्ड के लिए दिए तो एक मॉक टेस्ट सेशन – 2 के लिए भी दिया। रोज 6 से 8 घंटे की मेहनत के बाद सेशन – 2 में मेरे 99.90% रहे।

मॉक टेस्ट मेरा सक्सेस मंत्र बना

सेशन – 2 का रिजल्ट आने के बाद मेरा फोकस पूरी तरह अब जेईई एडवांस्ड की तैयारी पर रहेगा। पढ़ाई के दौरान खुद को एनर्जाइज्ड रखने के लिए मैंने मॉक टेस्ट पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया। मॉक टेस्ट में अगर मेरे मार्क्स कम आते थे तो मैं ज्यादा मेहनत करने के लिए मोटिवेट होता था। वहीं मार्क्स कम आने पर मेरा कॉन्फिडेंस बढ़ता था। मैं ये मानता हूं कि एग्जाम की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स के लिए मॉक टेस्ट पर फोकस करना सक्सेस की ओर आगे बढ़ने का सबसे अच्छा तरीका है।

पढ़ाई के लिए टाइम टेबल फॉलो किया

मैंने एग्जाम की तैयारी के दौरान सोशल मीडिया का इस्तेमाल न्यूज सुनने और अपना नॉलेज बढ़ाने के लिए किया। सोशल मीडिया पर मेरा सेल्फ कंट्रोल हमेशा रहा इसलिए मैं अपना टाइम वेस्ट करने से बचा रहा।

जेईई मेन सेशन – 2 की तैयारी करते हुए भी मैंने वहीं टाइम टेबल फॉलो किया, जो जेईइ मेन सेशनल – 1 के लिए बनाया था। अगर मैं इस टाइम टेबल में चेंज करता तो मुझे नए सिरे से टाइम मैनेज करना होता। इसके अलावा अपने वीक सब्जेक्ट को ज्यादा टाइम दिया।

एग्जाम की तैयारी करते हुए एक प्रॉपर डेली रूटीन को फॉलो करना जरूरी होता है। मैंने ज्यादातर पढ़ाई रात में की। अगर पढ़ाई करते हुए नींद आने लगती तो मैं मैथ्स करने लगता। अगर नींद नहीं आती तो मैंने केमेस्ट्री की पढ़ाई की। इसके साथ ही आकाश इंस्टीट्यूट में अपने टीचर से सलाह भी ली। उन्होंने भी मुझे अपनी ओर से बेस्ट गाइडेंस दिया।

हमजा अपने पिता इरशाद अहमद के साथ।

हमजा अपने पिता इरशाद अहमद के साथ।

देहरादून के किंगस्टन स्कूल से की 12वीं

मैं शहडोल, मप्र का रहने वाला हूं। मेरी मम्मी नाजनीन फातिमा हाउसवाइफ और पापा इरशाद अहमद बिजनेसमैन हैं। मैंने 11वीं, 12वीं की पढ़ाई देहरादून के किंगस्टन स्कूल से की और यहीं पढ़ाई के दौरान तीन साल पहले आकाश इंस्टीट्यूट जॉइन किया।

अपने घर से दूर रहकर एडजस्ट करने में मुझे टाइम लगा

मैं छोटे शहर से देहरादून आया था। यहां स्टूडेंट्स के बीच पढ़ाई को लेकर टफ कॉम्पिटीशन था। ऐसे में मेरे लिए सबसे मुश्किल था उस माहौल में एडजस्ट होना। लेकिन मुझे उन पेरेंट्स की खातिर मेहनत तो करना थी जिन्होंने मुझ पर भरोसा करके मुझे घर से दूर पढ़ने भेजा था।

मैंने 11वीं की पढ़ाई के साथ ही JEE की तैयारी शुरू कर दी थी। हालांकि 11वीं की पढ़ाई के साथ ही तैयारी करना मेरे लिए बिल्कुल आसान नहीं था।

इंग्लिश पर फोकस बढ़ाया, रोज दो घंटे दिए

इसके लिए सबसे पहले मैंने इंग्लिश जैसे सब्जेक्ट की अलग से रोज 2 घंटे तैयारी करना शुरू किया। बाकी सभी सब्जेक्ट के लिए अलग से तैयारी करने की जरूरत नहीं थी क्योंकि आकाश इंस्टीट्यूट ने सभी सब्जेक्ट के नोट्स भी अवेलेबल करा दिए थे।

हमजा टीचर्स के साथ

हमजा टीचर्स के साथ

अलग टारगेट JEE एडवांस क्लियर करना

अब मेरा अगला टारगेट JEE एडवांस क्लियर करना है। मैं अपना ड्रीम कॉलेज IIT दिल्ली मानता हूं और यही एडमिशन लेना चाहता हूं। मेरा ये मानना है कि एक स्टूडेंट की लाइफ में जितना जरूरी पेरेंट्स का सपोर्ट है, उतना ही टीचर का भी होता है।

उन्होंने मुझे वह करने के लिए प्रेरित किया जो मुझे पसंद था। दूसरी ओर, मेरे पिता ने मुझे समय प्रबंधन सिखाया और शुरुआत से ही ध्यान केंद्रित करने के टिप्स बताए। उन्होंने मुझे यह भी एहसास दिलाया कि हर दिन कुछ नया सीखना परीक्षा में नंबर लाने से ज्यादा महत्वपूर्ण है।

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